इस सत्र को मैं रोचक विषय पढ़ रही हूँ. प्रोफ़ेसर ग्लावर की कक्षा के लिए हम वास्तु-शास्त्र, साम्राज्यों, और शहरों के बारे में सोचते हैं. हम बहुत-से शैक्षिक विषयों से लेख पढ़ते हैं--वास्तु-शिल्पीय लेख या ऐतिहासिक लेख, तुलनात्मक साहित्य के लेख, वगैरह. मुझे यह तरीका पसंद है. मेरा कारण है कि अगर एक व्यक्ति अलग-अलग विचारों के बारे में सोचें तो ये व्यक्ति सबसे सार्थक काम करें. हर विषय से सबसे सार्थक विचार का इस्तेमाल कर सकते है. दूसरा कारण है कि मुझे वास्तु-शास्त्र विद्यार्थीओं के साथ पढने पसंद है. उनको भिन्न दृष्टिकोण विशेष है. इन कक्षा में हम विचारों और इमारतों, सिद्धांत और शहरों, 'डिस्कोर्स' और साम्राज्य के बारे में सोचते हैं.
हिन्दी में हम लेख, कवितायेँ, और कहानियाँ पढ़ते हैं. अभी मेरी बातचीत की कुशलताएँ नहीं बहुत अच्छी है लेकिन मुझको उम्मीद है. अगले गरमियों में मैं हिन्दी जयपुर में पढ़ना चाहती हूँ. मुझे लगता है कि अगर मैं भारत में हिन्दी पढूँ तब शायद मेरी बातचीत ज़्यादा अच्छी बने.
मेरी तीसरी कक्षा का नाम है: 'मीडिआ' और व्यक्तित्व विश्व-संबंधी के संदर्भ में. विषय बहुत दिलचस्प है और अध्यापक बहुत कुशल है. हम विडियो "क्लिप्स" अलग देश से देखते हैं--भारतीय, अमरीकन, 'मेक्सिकन', आदि. फिर हम एक तमाशे की दूसरे से तुलना कर सकते हैं. उदाहरण के लिए आज कि कक्षा में हमने भारतीय और अमरीकन "कौन बनेगा करोडपति" देखे. देखकर हमने अहम् सवाल जवाब देने की कोशिश की: क्या यह तमाशा भारतीय और वह तमाशा अमरीकन? और अगर हाँ, यह फर्क कैसा बनता है?
वास्तु-शास्त्र - architecture
साम्राज्य - empire (m)
शैक्षिक - academic
वास्तु-शिल्पीय - architectural
तुलनात्मक - comparative
तरीका - method (m)
दृष्टिकोण विशेष - perspective
सिद्धांत - theory
कुशलता - skill (f)
व्यक्तित्व - identity
विश्व-संबंधी - global
संदर्भ - context (m)
तुलना करना - to compare
Wednesday, February 11, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment