Thursday, January 29, 2009

एक हफ्ता, तरह तरह की भावनाएँ

आज की हिन्दी क्लास के अंत को विजयजी ने मुझसे अपनी "जर्नल" क्लास को पढ़ना पूछा. मैं शरमिंदा थी, लेकिन कहानी (प्लूटो, तारे, और श्री भालू के बारे में) सुनाकर मुझे खुशी हुई. दूसरों छात्रों ने कहानी की वजह से मुझ की तारीफ़ की.

पर इस हफ़्ते नहीं अच्छा है. शुनिवार को इकहत्तर (71) साल की उम्र में मेरी मौसी "जूली" मर गई. मेरी माँ का केवल एक बहन-भाई था. मेरी माँ बासठ (62) साल की हैं तो अपने बचपन में मेरी माँ को जूली माता की तरह लगती थी. इसलिए मौसी जूली मेरी माँ की जिंदगी में बहुत मत्वपूर्ण व्यक्ति थीं. मेरी माँ बहुत बलबान औरत हैं. अभी मुझ, मेरी बहन रेचल, और मेरे पिता को मेरी माँ की हालत मालुम नहीं. मुझे लगता है कि माँ ठीक हैं लेकिन इस सूचना के बिना मैं चिन्ता करती हूँ.

मंगलवार को हम "फ्यूनरल होम" गए. यहूदीवाद में आप कभी-नहीं लाश देखते हैं. हमेशा ताबूत बंद होता है. मेरी मौसी "कैथलिक" थी तो मंगलवार को "व्यूइंग" के लिए ताबूत खुला. मेरे लिए बहुत अजीब था. दिन भर दोस्त और रिश्तेदार आए और जाए. उदास समय था लेकिन दोस्तों और रिश्तेदार से मिलने बहुत अच्छा था.

बुधवार को "फ्यूनरल" हुआ. सबसे पहले "रोमन कैथलिक मैस" था, फिर हम कब्रिस्तान गए. इसके बाद सब लोग जूली का पसंदीदा रेस्तरां "सेनट कोनी आइलन्ड" गए.

(की) तारीफ़ करना - to praise/compliment
सूचना - information (f)
लाश - corpse
ताबूत - coffin
कब्रिस्तान - cemetery

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