Friday, September 12, 2008

मैं और मेरा परिवार

मैं डिट्रॉइट में पैदा हुई मेरी दो बहनें हैं मेरी बढ़ी बढ़ी बहन का नाम जाना है वे तीस साल की हैं और वे डैलिस में रहती हैं मेरी दूसरी बढ़ी बहन का नाम रेचल है वे छब्बीस साल की हैं रेचल हमारे माता-पिता के साथ रॉयल ओक में रहती हैं घर डिट्रॉइट के चिड़ियाघर के नज़दीक है रेचल वकील हैं और डिट्रॉइट में काम करती हैं हमारे माता-पिता दोनों वकील भी हैं हालांकि पिछले गरमी मैंने कचहरी में काम किया, मैं वकील कभी-नहीं बनूंगी कौन क़ानून का स्कूल तीन सालों के लिए जाना चाहें ?
जाना अपने पति और पाँच बच्चे के साथ रहती हैं जाना और अपना परिवार सनातनी यहूदियाँ हैं मेरे माता-पिता, मैं, और रेचल रूढ़िवादी यहूदियाँ हैं कब मैं जाना और उनका परिवार से मिलती हूँ, तब मैं लंबे घाघरे पहनना पड़ती हूँ और बहुत दुसरे धार्मिक नियम के पालन करना पढ़ती हूँ जाना और अपने पति--श्मूल--सनातनी यहूदियों की बिरादरी में रहते और काम करते हैं जाना धार्मिक स्कूल के लिए शिक्षका हैं और श्मूल 'कोशिर' क़साई हैं

कचहरी court-house (f)
क़ानून law (m)
सनातनी orthodox
रूढ़िवादी conservative
धार्मिक religious
नियम rule (m)
नियम के पालन करना to obey a rule
बिरादरी community (f)
क़साई butcher

9 comments:

Richa Joshi said...

यहूदी संस्कृति के बारे में यदि आप लिखें तो निश्चय ही कुछ नया जानने-समझने को मिलेगा।

Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

Kavita Vachaknavee said...

नए चिट्ठे का स्वागत है. निरंतरता बनाए रखें.खूब लिखें,अच्छा लिखें.

शोभा said...

अच्छा लिखा है. स्वागत है आपका.

Amit K Sagar said...

यहूदी संस्कृति के बारे में यदि आप लिखें तो निश्चय ही कुछ नया जानने-समझने को मिलेगा।

पवन मिश्रा said...

अरे वाह आप से तो मैं बड़ा ही प्रभावित हुआ और आप को मैंने अपने ब्लॉग की लिस्ट में जोड़ लिया है.
लिखते रहिये. आप भी अपनी नेट सक्रियता बनाए रहें.

रंजन राजन said...

हिंदी दिवस पर हिंदी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है।
आगाज सचमुच शानदार है। अंजाम और भी जानदार हो, इसके लिए शुभकामनाएं।

شہروز said...

श्रेष्ठ कार्य किये हैं.
आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:

http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/

प्रदीप मानोरिया said...

ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है बधाई कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारें