Monday, October 13, 2008

कभी सही कभी काल्पनिक कहानी - हिस्सा एक

आज रात को एमी मेरा घर आई. वह अलाना की सहेली है और अलाना मेरे साथ रहती हूँ. एमी ने अपना टकना चोट पहुंचाया. चोट पटेबाज़ी करने के दौरान हुई. एमी ने बंदर के ख़िलाफ़ पटेबाज़ी किया. बंदर बहुत प्रवीण था. एमी ने क़रीब क़रीब बंदर को हराया, परन्तु बंदर ने चाल चल गई! बंदर ने एमी को गड्ढे के पार चलना लुभा गया. एमी नहीं पड़ी मगर अपना टकना चोट पहुँचाया और बंदर जीत गई. एमी और बंदर के बीच इतिहास और 'बुरा खू़न' है.

बीस साल पहले परू के पहाड़ों में एमी सिर्फ़ बच्ची थी. वह अपने पिता के साथ रही और पटेबाज़ी करने सीख रही थी. उनके जिंदगी सादी लेकिन खुश थी. फिर एक दिन सब कुछ बदल गए. एक बंदर पहाड़ों पहुँच आई. उसने घोषणा किया कि "मैं आई हूँ बदले के लिए!" छोटी एमी ने नहीं समझा, पर अपने पिता ने समझा. उन्होंने एमी से कहा: "जाओ! यही जगह से भागो और कभी नहीं वापस आओ!" तो एमी भाग गई.

टकना - ankle (m)
चोट पहुँचाना - to injure
चोट - injure (f)
पटेबाज़ी करना - to fence (the sport)
x के ख़िलाफ़ - against x
प्रवीण - talented
क़रीब क़रीब - nearly
गड्ढा - pit/hole (m)
x के पार - over/across x
लुभाना - to lure
खू़न - blood (m)
परू - Peru
सादा - simple/plain
घोषणा करना - to announce
बदला - revenge (m)
भागना - to flee

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