Tuesday, October 14, 2008

कभी सही कभी काल्पनिक कहानी - हिस्सा दो

सालों के लिए, एमी घूमी. पैरिस, लंदन, और शिकागो गई. ऑन्तॉर्तिका, सहेरा, सईय्बिरीया गई. लेकिन नहीं जगह घर थी. फिर वह मिशिगन आई. एमी अलाना से मिल गई और उसने जीवन बनाना शुरू किया. नहीं आसान था, पर ठीक लगता था. कभी एमी ने अपना भूत के बारे में सोचा, मगर तभी उसने ख़ुद से कहा "अब यह मेरी ज़िन्दगी है. भूत है भूत. पारू के पहाडों में क्या हुआ? मुझे कभी-नहीं मालूम होऊंगी. यह मेरे पीछे है." हालांकि यह विचार नहीं आराम था, एमी के पास और कोई विकल्प नहीं थे. सामान्य व्यक्ति की तरह वह घर में रहती थी, दफ़्तर में काम करती थी, उसको बहुत-से दोस्त थे. परन्तु एमी रहस्यमय थी. उसके भूत और परिवार के बारे में मालूम नहीं था.

एक दिन तक, जब ठंडी हवा चल गई, और हवा ने भूत, याद, ज्ञान दोए.

भूत - past (m)
आराम - comfort (m)
ढोना - to carry/lug
सामान्य - normal
रहस्यमय - mysterious

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